
आयुर्वेद में शहद और काली मिर्च का सेवन फायदेमंद माना जाता है. थोड़ी सी काली मिर्च को शहद में मिलाकर चाटने से कई बीमारियां दूर होती हैं. ये दोनों ही चीजें औषधीय गुणों से भरपूर होती हैं जिनसे सर्दी, खांसी और मौसमी बीमारियों को ठीक किया जा सकता है.
शहद में विटामिन के, आयरन, पोटैशियम और मैग्नीशियम जैसे जरूरी विटामिन और मिनरल पाए जाते हैं. वहीं काली मिर्च और शहद एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर होते हैं. इन गुणों की वजह से मौसमी बीमारियां, सर्दियों में जोड़ों का दर्द, सूजन और कई अन्य समस्याओं का इलाज किया जा सकता है.
पोषक तत्वों का भंडार काली मिर्च और शहद डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में भी कारगर माने जाते हैं। आइए जानते हैं सर्दियों में काली मिर्च और शहद का सेवन करने से क्या-क्या फायदे होते हैं.इसके लिए करीब 1 चम्मच शुद्ध देसी शहद लें और इसे तवे पर या गर्म पानी में रखकर हल्का गर्म कर लें. अब 1 चुटकी पिसी हुई काली मिर्च लें और इसे शहद में मिला लें. इसे चाट लें और इसके बाद आधे घंटे तक पानी न पिएं. इससे गले में कफ, सांसों की बदबू, खांसी, सीने में जकड़न आदि समस्याएं ठीक हो जाएंगी.
सर्दी-खांसी से राहत- अगर आपको सर्दी-खांसी है तो शहद और काली मिर्च का सेवन करें. इससे सर्दी-खांसी की समस्या ठीक हो जाएगी. शहद और काली मिर्च में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-वायरल गुण पाए जाते हैं. इससे सर्दी-खांसी में काफी राहत मिलती है. खासकर जिन लोगों को सीने में जकड़न है या लगातार खांसी आ रही है उन्हें शहद और काली मिर्च का सेवन जरूर करना चाहिए.
सांस संबंधी समस्याओं में राहत- अगर आप शहद में काली मिर्च और थोड़ा तुलसी के पत्ते का रस मिलाकर सेवन करते हैं तो सांस संबंधी समस्याएं कम हो सकती हैं. यह मिश्रण श्वास नली में सूजन को कम कर सकता है. यह श्वास नली को साफ करने में भी मदद करता है. शहद, काली मिर्च और तुलसी का सेवन सर्दी-खांसी के लिए भी रामबाण इलाज है.
मौसमी एलर्जी को दूर करें- शहद और काली मिर्च खाने से मौसमी बीमारियों और एलर्जी को कम किया जा सकता है. यह मिश्रण एलर्जी से पीड़ित लोगों को काफी राहत पहुंचाता है। खासकर अस्थमा या सांस की समस्या से पीड़ित लोगों को इससे काफी फायदा होगा.
कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज में फायदेमंद- शहद और काली मिर्च का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज की समस्या को कम किया जा सकता है. इससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है. यह नसों में सूजन को कम करता है, जिससे ब्लॉकेज की समस्या कम हो सकती है। यह ब्लड शुगर लेवल को भी नियंत्रित कर सकता है.