दिल में कुछ यूं संभालता हु तुझे,जैसे जेवर संभालता है कोई.
शायरी
सारी दुनियां के रिवाजों से बगावत की थी,तुमको याद है ना जब मैंने मोहब्बत की थी.
हाथ जैसे ही वो मेरा यार पकड़ेगा,वक्त देख लेना रफ्तार पकड़ेगा.
चांदी सोना एक तरफ, तेरा होना एक तरफ,है एक तरफ तेरी आंखे, जादू टोना एक तरफ.
वो इत्र से खुद को लुभाती है इस कदर,मैं तो उसके ख्यालो में ही महक जाता हूँ।
जरुरी नहीं है की, इश्क़ में हमबिस्तर होना पड़े,किसी को जीभर के महसूस करना भी इश्क़ है।
किस कदर हमने एक इंसान को चाहा,जिसे भुला पाना बस की नहीं और पाना किस्मत में नहीं।
इश्क़ में तेरा फ़ना बन जाऊ,दर्द में तेरा सुकून बन जाऊ,तुम रखो पैर जिस जगह पर भी,वो...