
यूपी के बलरामपुर में अवैध धर्मांतरण रैकेट के मास्टरमाइंड जलालुद्दीन उर्फ छांगुर का नेटवर्क उत्तराखंड तक फैला हुआ है. यूपी एसटीएफ ने देहरादून के शंकरपुर क्षेत्र से छांगुर के सहयोगी अब्दुल रहमान को गिरफ्तार किया है.
जबकि देहरादून पुलिस ने इस मामले में एक इंस्टाग्राम ग्रुप के जरिए धर्मांतरण की साजिश रचने वाले पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. इनमें दो दिल्ली, दो उत्तर प्रदेश और एक गोवा की युवती शामिल है. यह रैकेट सोशल मीडिया के जरिए युवाओं, खासकर हिंदू लड़कियों को निशाना बना रहा था.
देहरादून पुलिस को यूपी एसटीएफ से मिली जानकारी के आधार पर एक इंस्टाग्राम ग्रुप की गतिविधियों पर शक हुआ. जांच में पता चला कि यह ग्रुप हिंदू लड़कियों को निशाना बनाकर उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए उकसा रहा था. रानीपोखरी क्षेत्र के एक कारोबारी की बेटी को इस ग्रुप के जरिए ब्रेनवॉश करने की कोशिश की जा रही थी.
कारोबारी की शिकायत पर देहरादून पुलिस ने पांच लोगों—अब्दुल रहमान (शंकरपुर, देहरादून), अबु तालिब (मुजफ्फरनगर, यूपी), अयान और अमन (कनॉट प्लेस, दिल्ली), और श्वेता (गोवा)—के खिलाफ उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया.
एसएसपी अजय सिंह ने एबीपी से बातचीत में बताया कि यूपी एटीएस के साथ मिलकर हमने इस मामले की जांच शुरू की. छांगुर के नेटवर्क से जुड़े लोग इंस्टाग्राम ग्रुप के जरिए धर्मांतरण की साजिश रच रहे थे. पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है, और हम इस ग्रुप से जुड़े अन्य लोगों की तलाश कर रहे हैं. पीड़ित लड़की की काउंसलिंग भी कराई जा रही है.
अब्दुल रहमान हिंदू से मुस्लिम बना
यूपी एसटीएफ ने देहरादून के शंकरपुर से अब्दुल रहमान को हिरासत में लिया, जो पहले हिंदू था और छांगुर के संपर्क में आने के बाद इस्लाम कबूल कर चुका है. उसने देहरादून और लखनऊ में दो शादियां की थीं. जांच में पता चला कि अब्दुल रहमान छांगुर के नेटवर्क का अहम हिस्सा था और स्थानीय स्तर पर धर्मांतरण की गतिविधियों में शामिल था. पुलिस ने उसके घर से दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए हैं, जिनकी जांच जारी है.
इंस्टाग्राम ग्रुप से मिले अहम सबूत
देहरादून पुलिस ने यूपी एसटीएफ के सहयोग से संदिग्ध इंस्टाग्राम अकाउंट्स की जांच की. रानीपोखरी की एक युवती इस ग्रुप के जरिए छांगुर के नेटवर्क से जुड़ी थी. इस ग्रुप में उसे धर्म परिवर्तन के लिए लगातार प्रलोभन और दबाव दिए जा रहे थे.
पुलिस ने अकाउंट की डिटेल्स खंगालने पर कई अहम सबूत हासिल किए, जिसके आधार पर पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया. पुलिस अब इस ग्रुप से जुड़े अन्य लोगों की तलाश में देहरादून और अन्य क्षेत्रों में छापेमारी कर रही है.
यूपी एटीएस ने बलरामपुर से छांगुर को किया था गिरफ्तार
जलालुद्दीन उर्फ़ छांगुर जिसे 5 जुलाई को यूपी एटीएस ने बलरामपुर से गिरफ्तार किया था. उस पर 100 करोड़ रुपये से अधिक की विदेशी फंडिंग के जरिए धर्मांतरण रैकेट चलाने का आरोप है. उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन, बेटा महबूब, और नवीन रोहरा भी इस मामले में गिरफ्तार हो चुके हैं.
पैसों का प्रलोभन देकर कराते थे धर्मांतरण
जांच में पता चला कि यह गिरोह हिंदू लड़कियों, खासकर ब्राह्मण, क्षत्रिय, और सिख लड़कियों को 15-16 लाख रुपये, पिछड़ी जातियों की लड़कियों को 10-12 लाख, और अन्य को 8-10 लाख रुपये का प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराता था.
छांगुर का नेटवर्क उत्तर प्रदेश के बलरामपुर, आजमगढ़, बरेली, मुरादाबाद, और अब उत्तराखंड तक फैला हुआ है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की है, जिसमें 60 करोड़ रुपये से अधिक की संदिग्ध फंडिंग का खुलासा हुआ है. छांगुर ने विदेशी फंड का इस्तेमाल आलीशान कोठियां, शोरूम, और लग्जरी गाड़ियां खरीदने में किया.