
नई दिल्ली: लोकसभा के शून्यकाल में सहारनपुर सांसद इमरान मसूद ने अल्पसंख्यक जैन समुदाय की सांस्कृतिक धरोहर और धार्मिक अधिकारों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया। उन्होंने गुजरात के जूनागढ़ स्थित गिरनार पर्वत, जो भगवान नेमिनाथ की मोक्षस्थली है, पर हो रहे कथित कब्जे पर गहरी चिंता जताई। मसूद ने 1991 के उपासना स्थल कानून के उल्लंघन का हवाला देते हुए कहा कि कोरोना काल में गिरनार तीर्थस्थल पर रातोंरात अन्य धर्म की मूर्ति स्थापित कर दी गई, जिससे जैन समुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं।
उन्होंने कहा, “जैन समाज एक शांतिप्रिय और अल्पसंख्यक वर्ग है, जो हमेशा से भारतीय संस्कृति और धर्मनिरपेक्षता का प्रतीक रहा है। लेकिन स्थानीय प्रशासन और पुलिस की निष्क्रियता के कारण असामाजिक तत्व जैन तीर्थस्थलों की पवित्रता को भंग कर रहे हैं।”
सांसद ने मांग की कि गिरनार, शिखरजी, पालिताना जैसे जैन तीर्थस्थलों की सुरक्षा के लिए “जन तीर्थस्थल संरक्षण बोर्ड” का गठन किया जाए और 1991 के उपासना स्थल कानून का सख्ती से पालन सुनिश्चित हो। साथ ही, तीर्थस्थलों पर कब्जा करने वाले तत्वोऔर उनके सहयोगी प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
उन्होंने यह भी कहा कि यह केवल जैन समाज का नहीं, बल्कि पूरे देश की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर की रक्षा का सवाल है। मसूद ने जोर देकर कहा, “भारत विविधता में एकता का देश है, और हर समुदाय की आस्थाओं का सम्मान करना हमारी जिम्मेदारी है। जैन समाज को न्याय दिलाना न केवल हमारा कर्तव्य है, बल्कि हमारी धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र की रक्षा का प्रतीक भी है।”
उनके वक्तव्य को लेकर सदन में व्यापक चर्चा हुई, और सरकार से इस मुद्दे पर तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया गया।
रिपोर्ट: जावेद साबरी
चीफ एडिटर/चेयरमैन डीपीसी न्यूज़ नेटवर्क