
अस्पताल संचालक द्वारा मोटी रकम देकर किया मामला रफा दफा
✔️सहारनपुर। बेहट
कस्बे मे स्थित एक निजी अस्पताल मे गुरुवार कि सुबह करीब 10 बजे ग्रामीनो कि भीड़ ने जमकर हंगामा किया जिसमे ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि डॉक्टर द्वारा गलत इलाज करने कि वजह से महिला कि मौत हो गयी। मिली जानकारी के अनुसार कोतवाली बेहट ले एक गांव निवासी एक महिला का कस्बे के शाकंबरी रोड पर स्थित एक निजी अस्पताल मे एक डॉक्टर द्वारा 12 नवंबर को पित्त कि थैली का ऑपरेशन किया गया। जिसके बाद महिला को दो दिन बाद अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया था। सूत्रों के मुताबिक महिला कि मंगलवार को महिला कि फिर से हालत बिगड गयी और उसको फिर से महिला के परिजनों द्वारा उसी अस्पताल मे लाया गया जहाँ डॉक्टर ने उसे भर्ती कर लिया। ज़ब उसकी हालत बिगड़ी तो आनन फानन मे अपनी एम्बुलेंस से उसे सहारनपुर दूसरे अस्पताल भेजा गया वहाँ चिकत्सकों ने उसकी हालत नाजुक देखते हुए भर्ती करने से इंकार कर दिया गया जिसके बाद परिजन उसे देहरादून एक निजी अस्पताल मे ले गए जहाँ उसकी रात्री मे करीब 2:30 बजे उसकी मृत्यु हो गयी। गुस्साए परिजन गुरुवार को ग्रामीणों कि भीड़ के साथ बेहट के शाकंबरी रोड पर स्थित अस्पताल पर आ पहुंचे और डॉक्टर द्वारा इलाज मे लापरवाही बरतने से महिला की मौत का आरोप डॉक्टर पर लगाने लगे। इस दौरान अस्पताल मे अफरा-तफरी मच गयी और वहाँ मौजूद अस्पताल का स्टॉफ फरार हो गया। घंटो हँगामे के बाद कुछ लोगो ने मृतक के परिजनों और अस्पताल संचालक के बीच सुलह समझौता कराया। सूत्रों द्वारा जानकारी मिली है कि अस्पताल संचालक द्वारा मोटी रकम देकर मामले को रफा-दफा किया गया है। सूत्रों ने बताया कि इससे पूर्व भी कई लोगों का इस अस्पताल में गलत ऑपरेशन किया गया है जिसमे कई लोगो की मौत हो गयी है और जल्द ही उच्च अधिकारियों से मिलकर अस्पताल कि शिकायत करेंगे। सूत्रों की बात माने तो अगर अस्पताल के चिकित्सकों द्वारा इलाज मे कोई लापरवाही नहीं बरती गयी तो फिर मृतका के परिजनों को मोटी रकम देकर समझौता क्यों किया गया? ऐसे ही कई सवाल कस्बे मे चर्चा का विषय बने हुए है? और इस हँगामे से अस्पताल कि साख पर भी प्रश्न चिन्ह लग रहा है। क्या हकीकत में अस्पताल द्वारा ऑपरेशन व इलाज मे लापरवाही बरती जा रही है? इस संबंध मे बेहट चिकित्सालय प्रभारी अधीक्षक डॉक्टर विजेंद्र सिंह से बात कि गयी तो उन्होंने बताया कि उनके संज्ञान मे ऐसा कोई मामला नहीं आया है अगर अस्पताल मे इलाज मे लापरवाही बरती जा रही है तो जाँच कर कार्रवाई कि जाएगी। वही अस्पताल संचालक का कहना है कि 12 नवंबर को महिला कि पित्त कि थैली का ऑपरेशन किया गया था और फिर मंगलवार को महिला को लेकर उसके परिजन आये थे लेकिन उसको यहां से रेफर कर दिया गया था कुछ लोग गुरुवार कि सुबह अस्पताल आये थे उनको समझा बुझाकर भेज दिया गया था। कुछ दिन पूर्व एसीएमओ द्वारा कस्बे मे झोलाछाप और इलाज मे लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ अभियान चलाया था तब कस्बे के चिकित्सक व अल्ट्रासॉउन्ड संचालक फरार हो गए थे। खबर चलने के बाद अब देखना होगा कि स्वास्थ्य विभाग उक्त अस्पताल के खिलाफ जाँच कर क्या कार्रवाई करता है? बताया जाता है कि बेहट में स्थित उक्त अस्पताल के मालिक का इसी नाम से ही उत्तराखंड के देहरादून जिले के एक कस्बे में भी एक अस्पताल है।
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👉🏿रिपोर्ट-खुर्शीद आलम। डिस्ट्रिक्ट प्रेस क्लब