
समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने तीन विधायकों – अभय सिंह (Abhay Singh), राकेश प्रताप सिंह (Rakesh Pratap Singh) और मनोज पांडेय (Manoj Pandey) को निकाले जाने के बाद पहली प्रतिक्रिया दी है. लखनऊ में एक प्रेस वार्ता के दौरान अखिलेश ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि इनका टेक्निकल इश्यू खत्म हो गया है. अब मंत्री बनें.
सपा चीफ ने कहा कि उसमें टेक्निकल इशू आ रहा था. वो मंत्री नहीं बन पा रहे थे. उनको यह कह कर टाला जा रहा था कि अभी आप सपा में है. अगर आप मंत्री बनेंगे तो आपको अपनी संस्था छोड़नी पड़ेगी और चुनाव दोबार होंगे. मंत्री नहीं बन पा रहे थे तो मैने उनका टेक्निकल रीजन खत्म किया है. अब आप पूछोगे कि तीन निकाले और क्यों नहीं निकाले? मंत्री सबको बनना था. सबको आश्वासन था. ये तीन मंत्री बन जाएं तो बाकी लोगों को भी हटा देंगे. बीजेपी की जिम्मेदारी कि इन सबको मंत्री बनाए. तो हम सबने तय कर के मंत्री बनने के लिए इनको पार्टी से निकाला है. अब बीजेपी की जिम्मेदारी है कि इन लोगों को मंत्री बनाए तो बाकी लोगों को भी हम हटा दें तो वो भी मंत्री बन जाएं
बीजेपी के सांसद पर साधा निशाना
इस दौरान सपा चीफ ने भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सेठ पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बागियों को कितना पैकेज मिला ये इस पर तो मैं चर्चा नहीं करना चाहता. किसी के नाम में ही पैकेज हो तो सोचो कितना पैकेज देगा… सेठ… जो सेठ है, उस पर कुछ भी हो सकता है.
अखिलेश यादव ने अपने इस बयान से भारतीय जनता पार्टी को फंसाने की कोशिश की है. वह बीजेपी पर यह दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं कि वह अब बागियों से किया अपना ‘वादा’ निभाए. बता दें वर्ष 2024 की फरवरी में संपन्न हुए राज्यसभा चुनावों में सपा के सात विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी. करीब 15 महीने बाद सपा ने इस पर एक्शन लेते हुए 3 को बाहर का रास्ता दिखाया है.